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Sunday 24 June 2018

एक किताब होगी एक किताब होगी ढ़ेरों शब्दों का मैला होगा कई विचित्र कलाए होगी कई पन्नों का रास्ता होगा उन पन्नों पर लिखा बहुत कुछ होगा उपन्यास, कहानी, और एक पागल-सा शायर होगा ! एक किताब होगी वो मेरे दिल के बेहद पास होगी मेरी जान-ए-मोहतरमा के लिए शायद बेहद ख़ाश होगी उनको और बेहतर समझने के लिए मेरी एक प्यास होग़ी कुछ लिखा हो या ना लिखा हो उनकी क़ातिलाना अदाओं की सारी बात होगी ! एक किताब होगी न फूल बना होगा न कहीं आँसुओ से बनी कोई धाराए होगी बस उनके ग़ुलाबी होठों की गुस्ताखीयो की अदाए होगी ! एक किताब होगी शब्द सागर तो मात्राएं बारिश होगी हर पन्नों पर मेरे मेहबूब की बातें होगी कभी रोना आएगा कभी हँसते रह जाओगे ऐसा मेरे किताब का हर इक पन्ने की कला होगी ! एक किताब होगी दिनों की तड़पन , रातों की बेचैनियां होगी उनके आँखों मे जो चमक न देखी हो हमनें उस चमक के तले पूरी इक रातों में बैठें कैसे सूरज चांदो की तारीफ़ करता हैं वो कुछ अनकही-अनसुनी बातें होगी ! 💙 नीरज सिंह

https://youtu.be/cOEc_JIjh4w

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